Tejas First Flight: नासिक में पहली बार तेजस MK-1A लड़ाकू विमान ने भरी उड़ान, राजनाथ सिंह बोले- मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया

  Rajnath Singh HAL Nashik: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने आज अपनी पहली उड़ान भरी. हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट…

 

Rajnath Singh HAL Nashik:

भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने आज अपनी पहली उड़ान भरी. हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन में यह उड़ान हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के नए उत्पादन केंद्र से तेजस LCA MK-1A लड़ाकू विमान का उद्घाटन किया. इस उत्पादन से भारतीय वायुसेना की समग्र शक्ति और क्षमता में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि आज उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है.

नासिक से सालाना 8 विमान वायुसेना में जुड़ेंगे-

तेजस लड़ाकू विमानों का उत्पादन बेंगलुरु में पहले से मौजूद दो नए संयंत्रों में हो रहा है, जहां सालाना 16 विमान बनते हैं. नासिक लाइन तीसरी उत्पादन इकाई है. इस संयंत्र की स्थापना 150 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से की गई है, जिससे सालाना 8 और विमान जुड़ जाएंगे, जिससे एचएएल की उत्पादन क्षमता बढ़कर 24 विमान प्रति साल हो जाएगी.

गर्व से चौड़ा हुआ सीना- राजनाथ सिंह

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नासिक की यह भूमि केवल आस्था की ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और क्षमता की भी प्रतीक है. यहां एक ओर आस्था है, तो वहीं दूसरी ओर इसी नासिक की धरती पर एचएएल का गौरवशाली कैंपस भी राष्ट्र की रक्षा शक्ति का प्रतीक बनकर खड़ा है.

सिंह ने कहा, ‘आज जब मैंने नासिक डिवीजन में तैयार किए गए Sukhoi-30, LCA और HTT-40 विमानों की उड़ान देखी, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया. उन जेट्स की उड़ान रक्षा क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता की उड़ान’ रही.

भारत की बढ़ी और हवाई ताकत-

तेजस Mk-1A की पहली उड़ान और एचएएल नासिक में तीसरी उत्पादन लाइन भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह उपलब्धि एयरोस्पेस और सैन्य प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयासों को रेखांकित करती है. तीसरी उत्पादन लाइन से एचएएल का वार्षिक उत्पादन 16 से बढ़कर 24 जेट हो जाएगा, जिससे भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपूर्ति में तेजी आएगी.

जानिए तेजस MK-1A की खासियत

तेजस एलसीए एमके1ए एक अधिक उन्नत, बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जिसे भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमानों की जगह लेने के लिए डिजाइन किया गया है. एमके1ए, तेजस का उन्नत संस्करण है, जिसमें बेहतर लड़ाकू एवियोनिक्स और हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता सहित कई महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं.

यह विमान 4.5 पीढ़ी का बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जो वायु रक्षा, जमीनी हमले और समुद्री हमले के अभियानों में सक्षम है. इसमें 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है. तेजस एमके1ए में हवाई श्रेष्ठता, जमीनी हमले और टोही सहित विविध मिशनों के लिए अनुकूलित हथियारों और पेलोड का एक उन्नत मिश्रण है.

62,000 करोड़ रुपये की मंजूरी और तेजस MK-1A

एचएएल ने भारतीय वायुसेना को एलसीए तेजस विमानों की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए तीसरी उत्पादन लाइन स्थापित की. 19 अगस्त को केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 62,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 एलसीए एमके1ए लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी. भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने युद्ध की तैयारी बनाए रखने के लिए नए विमानों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है.

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