DUSU Election 2025: DUSU चुनाव में EVM से छेड़छाड़ का आरोप पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस, अगली सुनवाई 16 दिसंबर को

Delhi High Court Notice on DUSU Polls: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके अधिकारियों को नोटिस जारी कर छात्र संघ के हाल ही…

Delhi High Court Notice on DUSU Polls:

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके अधिकारियों को नोटिस जारी कर छात्र संघ के हाल ही में हुए चुनाव में EVM छेड़छाड़ के आरोपों पर जवाब मांगा है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि चुनाव में इस्तेमाल हुई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM), पेपर ट्रेल और अन्य रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाए. यह मामला छात्र नेता और कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) के उम्मीदवार रौनक खत्री की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया.

अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी-

पिछली बार के छात्र संघ के अध्यक्ष रौनक खत्री 2024 ने यह याचिका दायर की है. न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश में कहा कि इस चुनाव के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त चुनाव आयुक्त को सुनिश्चित करना होगा कि सभी EVM और संबंधित दस्तावेज सुरक्षित रखे जाएं. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.

EVM से छेड़छाड़ के आरोप-

याचिकाकर्ता रौनक खत्री ने अपनी याचिका में दावा किया है कि 18 सितंबर को हुए चुनाव के दौरान कई कॉलेजों में गंभीर गड़बड़ियां हुईं. उनका आरोप है कि EVM पर स्याही के निशान एक खास उम्मीदवार के नाम के सामने पहले से लगाए गए थे. खत्री का कहना है कि इससे मतदाताओं को प्रभावित करने और चुनाव की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. याचिका में यह भी कहा गया है कि जब इस मामले की शिकायत चुनाव अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन से की गई, तब भी किसी ने कार्रवाई नहीं की. खत्री के अनुसार, यह गड़बड़ी केवल एक कॉलेज तक सीमित नहीं थी बल्कि कई केंद्रों से इसी तरह की शिकायतें सामने आईं.

दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता मोहनिंदर रुपल ने कोर्ट में कहा कि मशीनों में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई. उन्होंने बताया कि EVM पर दिखाई देने वाला निशान महज एक अंगूठे का निशान था, जिसे छेड़छाड़ नहीं माना जा सकता.

कोर्ट ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिका में चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने और दोबारा मतदान कराने की मांग की गई है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन कुछ संबंधित पक्षों को शामिल नहीं किया गया है. अदालत ने यह भी कहा कि अध्यक्ष पद के विजयी उम्मीदवार को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए था. फिलहाल अदालत ने केवल इतना सुनिश्चित किया है कि EVM और दस्तावेज सुरक्षित रहें, ताकि आगे की सुनवाई के दौरान साक्ष्य उपलब्ध रहें.

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