Success Story:19 साल की दिव्या देशमुख ने चेस का FIDE महिला वर्ल्ड कप जीता. उन्होंने फाइनल में भारत की ही कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक राउंड में हराया. वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ वे भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर बन गई.
नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को दे चुकीं हैं मात:
दिव्या देशमुख इस साल फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को मात दे चुकी हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी. दिव्या ने 10 से 16 जून को लंदन में आयोजित फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चीन की यिफान को हराया. दिव्या के करियर की यह सबसे बड़ी जीत में से एक है.
कौन हैं दिव्या देशमुख?
नौ दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या ने पांच साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया. उनके माता-पिता डॉक्टर हैं. दिव्या ने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती. इसके बाद उन्होंने अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) कैटेगरी में विश्व युवा खिताब भी जीते. इसके बाद 2014 में डरबन में आयोजित अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब अपने नाम किए.
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