Coldrif Cough Syrup Ban:
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से 9 बच्चों की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि बच्चों को दी गई खांसी की दवाइयाँ कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रोस डीएस ही इन मौतों की वजह बनीं. हर बच्चे को पहले बुखार आया, फिर उल्टियां, दस्त और फिर अचानक पेशाब बंद हो जाना शुरू हुआ. यह वही क्लासिक लक्षण हैं जो डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) ज़हरखुरानी से होते हैं. यही जहर 2022 में गाम्बिया में बच्चों की मौत का कारण बना था.
ये बच्चे सर्दी-खांसी से पीड़ित थे. इन बच्चों में से 9 की बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई और यह कहा गया कि बच्चों की मौत की बड़ी वजह कफ सिरप है. छिंदवाड़ा के परासिया में शिवम, विधि, अदनान, उसैद, ऋषिका, हेतांश, विकास, चंचलेश और संध्या की मासूम हंसी अब हमेशा के लिए खामोश हो गई. नौ छोटे-छोटे सपनों के बुझ जाने के बाद भी सरकार रिपोर्टों का इंतज़ार कर रही है.
सीएम मोहन यादव ने लगाया प्रतिबंद-
इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार कोल्ड्रिफ कफ सिरप को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है. इसी के आधार पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है. इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दिया गया है. सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा है कि सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम होने के कारण राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था.
इस मामले पर राज्य के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी कहा था कि लगभग 12 प्रकार की दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. अभी 3 दवाइयों के सैंपल की जांच की रिपोर्ट आई है, उनमें किसी प्रकार के ऐसे तत्व नहीं मिले हैं, जिसके कारण यह कहा जा सके कि मौत इन दवाइयों के कारण हुई है.
सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल जैसा जानलेवा ज़हर मिला-
उधर तमिलनाडु में, छुट्टियों के बावजूद, महज़ 24 घंटे में जांच पूरी हुई और साफ पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप के बैच SR-13 में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल जैसा जानलेवा ज़हर मिला है. वहां तुरंत अलर्ट जारी हुआ, उत्पादन रोका गया, कार्रवाई की गई. अधिकारी ने बताया कि 1 अक्तूबर से इस खांसी की दवा की बिक्री पर पूरे तमिलनाडु में रोक लगा दी गई है. खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने हाल ही में कांचीपुरम जिले के सुंगुवर्चत्रम स्थित कंपनी के फैक्टरी की जांच की थी और वहां से कफ सिरप के नमूने एकत्र किए थे.



