Delhi Ashram Sexual Harassment:
दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में स्थित प्रसिद्ध आश्रम के स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती नाम के संचालक पर 17 छात्राओं से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है. छात्राओं की शिकायत पर वसंतकुंज (नार्थ) थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की. जिसमें में पता चला कि आरोपी महंगी वोल्वो कार में एंबेसी का नंबर लगाकर घूम रहा था. पुलिस ने कार जब्त कर ली है और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है. संचालक अभी फरार है, आखिरी लोकेशन आगरा में देखी गई. मठ ने उसे कृत्य की जानकारी होते ही उसे आश्रम से निकाल दिया गया है.
छात्राओं के आरोप वार्डन आरोपी से मिलवाती थीं-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार दक्षिण भारत के प्रमुख मठ का एक आश्रम दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में है. इसे चलाने के लिए स्वामी चैतन्यानंद नामक आरोपी को संचालक नियुक्त किया गया था. आश्रम में मैनेजमेंट की पढ़ाई होती है, जिसके दो बैच हैं. दोनों बैच में 35 से ज्यादा छात्राएं पढ़ती हैं. छात्राओं ने अपनी शिकायत में बताया कि आश्रम में काम करने वाली कुछ वार्डन आरोपी से मिलवाती थीं. सभी छात्राओं के अदालत में जज समक्ष (183 के तहत) के बयान भी दर्ज हो गए हैं. मामला दर्ज होने का पता चलने के बाद आरोपी भाग गया है.
पुलिस ने चैतन्यानंद के ठिकानों पर छापेमारी की
चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ 4 अगस्त को वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी. वह तब से फरार है. पुलिस ने चैतन्यानंद की एक वॉल्वो कार जब्त की है. जिस पर यूनाइटेड नेशन की नंबर प्लेट लगी थी. आमतौर पर ऐसे नंबर राजनयिकों को जारी किए जाते हैं.पुलिस ने आरोपी के खिलाफ वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में BNS की धारा 75(2)/79/351(2) के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की. CCTV फुटेज की जांच के बाद आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस दौरान, श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के बेसमेंट में एक वॉल्वो कार खड़ी मिली. पता चला कि फर्जी राजनयिक नंबर प्लेट 39 UN 1 वाली कार स्वामी चैतन्यानंद इस्तेमाल कर रहा था. पुलिस ने कार जब्त कर ली.
आरोपी के खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. 2009 में, दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का एक मामला दर्ज किया गया था. 2016 में, वसंत कुंज में एक महिला ने उसके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. कर्नाटक के श्रृंगेरी की संस्था, दक्षिणाम्नॉय श्री शारदा पीठ ने पूरे मामले पर बयान जारी किया. पीठ ने कहा कि स्वामी चैतन्यानंद का आचरण और गतिविधियां अवैध और पीठ के हितों के खिलाफ हैं, इसलिए पीठ का उससे कोई संबंध नहीं है.