Chhattisgarh Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल ( Chaitanya Baghel) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाला मामले (liquor scam) में गिरफ्तार किया है. ईडी की टीम ने भिलाई स्थित उनके आवास पर छापेमारी की और उन्हें हिरासत में ले लिया. बाद में उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया गया. (Bhupesh Baghel’s son Chaitanya Baghel arrested by ED in liquor scam news in hindi)
चैतन्य बघेल को ईडी ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी उनके जन्मदिन के दिन हुई है. ईडी ने नए साक्ष्यों के आधार पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई की है. शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने उनके भिलाई घर पर छापेमारी की और CRPF की सुरक्षा में तलाशी ली.
यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है, जब आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का अंतिम दिन है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज विधानसभा में रायगढ़ जिले में हो रही पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे.
आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने शराब घोटाले में चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें घोटाले की अनुमानित राशि 2,161 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,200 करोड़ रुपये हो गई है. इस केस में अब तक कुल पांच चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं। 29 आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के बारे में क्या हुआ? (Chhattisgarh Liquor Scam Case)
ईडी की छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे. इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई.
ED की जांच में यह भी पता चला है कि कवासी लखमा, जो तत्कालीन आबकारी मंत्री थे. उन्हें इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी. यह रकम घोटाले से होने वाली कमाई से दी जाती थी. यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच चला. इसमें अलग-अलग तरीके से अवैध कमाई की गई.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) में बड़े पैमाने पर रिश्वत और भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. इसमें डिस्टिलर्स से कमीशन के तौर पर रिश्वत ली जाती थी और बिना रिकॉर्ड के कच्ची देशी शराब बेची जाती थी, जिससे सरकार को कोई राजस्व नहीं मिला. डिस्टिलर्स से रिश्वत लेकर उन्हें फिक्स मार्केट शेयर दे दिए जाते थे, जिससे वे कार्टेल बना सकें। इस मामले में ईडी ने अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है और जांच जारी है.



