Anil Ambani Fraud Case:
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी पर फ्रॉड घोषित किया है. अनिल अंबानी की कमिन्युकेशन कंपनी Rcom और उसकी सहयोगी कंपनी ने बैंकों से 31580 करोड़ रुपये का लोन लिया है. एक्सचेंज फाइलिंग के तहत अनिल अंबानी को फ्रॉड कहा गया है. ये लोन Rcom के सीआईआरपी में प्रवेश करने से पहले का है. इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने भी दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के ऋण खाते को फ्रॉड घोषित किया. उनपर इस कार्रवाई के लिए एक दशक से पहले दिए गए ऋणों के कथित दुरुपयोग का हवाला दिया गया है.
BOB ने क्या लगाया आरोप?
बैंक ऑफ बड़ौदा का ये आरोप है कि रिलायंस कम्युनिकेशन और सहयोग कंपनियों ने बैंक से सीआईआरपी (CIRP) में प्रवेश करने से पहले लोन लिया था. बैंक इसका हवाला गुरुवार को हुई एक्सचेंज फाइलिंग को दे रही है.
आरकॉम ने क्या कहा?
आरकॉम ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा जिन लोन की बात कर रहा है, वे उस समय के हैं जब कंपनी कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोसेस में नहीं गई थी. कंपनी ने साफ किया कि इन लोन को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत रेज़ोल्यूशन प्लान या फिर लिक्विडेशन प्रोसेस में सुलझाया जाना जरूरी है.
आरकॉम ने यह भी बताया कि कंपनी के क्रेडिटर्स की कमेटी ने रेजोल्यूशन प्लान को पहले ही अप्रूव कर दिया है और अब यह नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से अप्रूवल का इंतजार कर रहा है. कंपनी फिलहाल रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल के कंट्रोल में है और अनिल अंबानी अब इसके डायरेक्टर नहीं हैं. कंपनी ने आगे की रणनीति को लेकर लीगल सलाह लेने की बात कही है.
SBI ने जून 2025 में फ्रॉड किया था घोषित-
पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जून 2025 में आरकॉम के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था. उसके बाद 24 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया ने भी यही कदम उठाया और आरकॉम के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करते हुए अनिल अंबानी का नाम शामिल किया. बैंक ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया कि साल 2016 में फंड डायवर्जन हुआ था.
ED भी कर रही जांच-
अनिल अंबानी पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं. ईडी रिलायंस ग्रुप की कंपनियों से जुड़े लोन फ्रॉड की जांच कर रहा है, जिसका अनुमानित आंकड़ा करीब 17,000 करोड़ रुपये है. पिछले महीने ईडी ने अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए बुलाया था. एजेंसी ने 12 से 13 बैंकों से डिटेल मांगी है कि जब रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस को लोन दिया गया था तब किस तरह की ड्यू डिलिजेंस यानी जांच की गई थी. इन बैंकों में एसबीआई, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
आरकॉम का कहना है कि क्योंकि मामला इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के दायरे में है, इसलिए लोन फ्रॉड का फैसला भी रेजोल्यूशन प्लान या लिक्विडेशन के जरिए ही होगा. यह मामला सिर्फ आरकॉम और अनिल अंबानी की मुश्किलें नहीं बढ़ा रहा बल्कि बैंकिंग सिस्टम और कॉरपोरेट लोन से जुड़ी प्रक्रियाओं पर भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है.


