BrahMos Flag Off Lucknow:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से शनिवाक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप को फ्लैग ऑफ किया. इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन) तथा ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन किया. 
स्वदेशी हथियार ब्रह्मोस की एक यूनिट लखनऊ में भी है, जिसकी पहली खेप को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा. योगी सरकार ने यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के लिए 80 एकड़ जमीन निशुल्क आवंटित की थी. इस इकाई की आधारशिला दिसंबर 2021 में रखी गई थी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 मई 2025 को इसका औपचारिक शुभारम्भ किया था.
पाकिस्तान का हर इंच ब्रह्मोस की रेंज में-
इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज का दिन उत्तर प्रदेश की जनता के लिए महत्वपूर्ण दिन है. लखनऊ डिफेंस सेक्टर में अहम भूमिका निभा रहा है.
मैंने पांच महीने पहले ब्रह्मोस यूनिट का उ्दघाटन किया था. शनिवार उसकी पहली खेप रवाना कर दी गई. ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया है कि जीत अब हमारी आदत बन चुकी है. पाकिस्तान का हर इंच ब्रह्मोस की रेंज में है. ऑपरेशन सिंदूर तो बस ट्रेलर था. ब्रह्मोस तीनों सेनाओं की रीढ़ है. यह यूनिट देश की बढ़ती ताकत की पहचान है.
डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना-
सरोजिनी नगर के भटगांव में अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. यहां मिसाइलों के असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का कार्य उच्च तकनीकी मानकों के अनुरूप किया जाता है. इस यूनिट से पहली खेप के रवाना होने के साथ ही प्रदेश ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के अभियान में एक सशक्त साझेदार बन गया है. ब्रह्मोस यूनिट से हर साल 80 से 100 मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है.
क्या है ब्रह्मोस की खासियत –
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे शक्तिशाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक है. यह ध्वनि की गति से लगभग 2.8–3 गुना तेज रफ्तार से उड़ती है और जमीन, जल तथा वायुतीनों प्लेटफ़ॉर्म से लॉन्च की जा सकती है. ब्रह्मोस मार्ग में अपने प्रक्षेप पथ को बदलने में सक्षम है और गतिशील लक्ष्यों को भी सटीकता से भेद सकती है. एक बार लॉन्च होने के बाद यह अतिरिक्त इनपुट के बिना ही लक्ष्य को हिट कर सकती है. इसकी प्रारम्भिक रेंज लगभग 290 किमी है. लेकिन, अपग्रेडेड वर्जन में 400–500 किमी तक और नवीनतम संस्करणों में लगभग 800 किमी तक पहुंचने की क्षमता बताई जाती है.
ब्रह्मोस में स्टेल्थ विशेषताएँ भी हैं, जिससे यह शत्रु राडार से बचते हुए प्रभावी हमला कर सकती है. इसको रोकना आसान नहीं होता. यह मिसाइल Su-30MKI जैसे विमानों से भी दागी जा सकती है और पारंपरिक या न्यूक्लियर प्रकार के 200–300 किग्रा तक के वारहेड उठाने में सक्षम है.



