Assam CBI NHIDCL Bribery Case:
गुवाहाटी में सोमवार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने NHIDCL के कार्यकारी निदेशक और क्षेत्रीय प्रमुख मैसनाम रितेन कुमार सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सीबीआई ने NHIDCL के कार्यकारी निदेशक मैसनाम रितेन कुमार सिंह को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. तलाशी के दौरान 2.62 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किए गए. सीबीआई ने इस मामले में कोलकाता स्थित कंपनी मोहन लाल जैन के प्रतिनिधि बिनोद कुमार जैन को भी गिरफ्तार किया है.
CBI ने जारी किया बयान- 
सीबीआई ने बयान जारी कर कहा कि मैसनम रितेन कुमार सिंह के परिसरों की तलाशी के दौरान 2.62 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए. देश भर में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली 9 संपत्तियों और 20 अपार्टमेंट से संबंधित दस्तावेज जब्त किए. जांच एजेंसी ने आगे कहा कि तलाशी के दौरान सिंह के नाम पर महंगी गाड़ियों की खरीद से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए.
छापेमारी में मिला-
गिरफ्तारी के बाद CBI की टीमें गुवाहाटी, गाजियाबाद और इंफाल स्थित उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी की गईृ. इस दौरान तलाशी में जो कुछ सामने आया, वह भ्रष्टाचार की गहराई को बयान करता है: इसमें 2.62 करोड़ नकदी, दिल्ली-एनसीआर में 9 हाई-एंड फ्लैट्स, 1 ऑफिस स्पेस और 3 प्लॉट, बेंगलुरु में 1 फ्लैट और 1 प्लॉट
गुवाहाटी में 4 अपार्टमेंट और 2 प्लॉट, इंफाल में 2 भूखंड और 1 कृषि भूमि, 6 लग्जरी कारों के दस्तावेज, लाखों की कीमत ब्रांडेड घड़ियां, चांदी की सिल्ली, सीबीआई ने जब्त की है.
कैसे रचा गया ‘ऑपरेशन ट्रैप’-
CBI को पहले से ही खबर मिल चुकी थी कि एक सरकारी अधिकारी एक ठेकेदार से मोटी रकम की उगाही करने वाला है. इसके बाद जांच एजेंसी ने 14 अक्टूबर 2025 ने उसे रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया. फिर जैसे ही एक निजी प्रतिनिधि अधिकारी को 10 लाख की रिश्वत सौंप रहा था, टीम ने तुरंत पहुंचकर दोनों को मौके पर ही दबोच लिया.
गिरफ्तार दूसरा शख्स है विनोद कुमार जैन, जो कोलकाता की निजी फर्म मेसर्स मोहनलाल जैन का प्रतिनिधि बताया गया है. यह रिश्वत NH-37 पर डेमो से मोरन बाईपास तक बन रहे चार लेन सड़क परियोजना में Completion Certificate और समय विस्तार (Extension of Time) दिलाने के नाम पर मांगी गई थी.
दोनों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा-
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को गुवाहाटी स्थित सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया. वहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. अब एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि इस पूरे भ्रष्टाचार नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है, और इतनी बड़ी रकम को कहाँ-कहाँ निवेश किया गया.



