Sardarni Man Kaur: मान कौर एक ऐसी शख्सियत थीं जिन्होंने अपने जीवन में उम्र की बाधाओं को पार करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ.1 मार्च 1916 को पंजाब के पटियाला में जन्मी मान कौर ने 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना ली. उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान जीते और 100 साल की उम्र में ‘रनिंग क्वीन ऑफ इंडिया’ का खिताब हासिल किया.(Maan kaur was the oldest women athlete of india )
मान कौर का निधन 105 वर्ष की आयु में 31 जुलाई 2021 को हुआ, लेकिन उनका जीवन आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
मान कौर की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो उम्र को एक बाधा मानते हैं. उन्होंने साबित किया कि अगर दृढ़ संकल्प और मेहनत हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. मान कौर का जीवन हमें यह सिखाता है कि जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए कभी भी देर नहीं होती है.
पुरस्कार और सम्मान
मान कौर को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले. उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और उत्थान में उनके योगदान को मान्यता देता है. मान कौर की कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है और उन्हें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
मान कौर की प्रमुख उपलब्धियां
साल 2016 में अमेरिका के सैक्रामेंटो में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में भी मन कौर ने हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया. इसी साल सितंबर 2016 में कनाडा के वैंकूवर में हुई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मान कौर ने 100 मीटर, 200 मीटर रेस, भाला फेंक, गोला फेंक में हिस्सा लेते हुए चार गोल्ड मेडल जीतकर देश के साथ साथ अपने शहर चंडीगढ़ का नाम भी रोशन किया था.
101 साल की उम्र में मन कौर ने जर्मनी में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में गोल्ड हासिल किया। साथ ही 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते. साल 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मान कौर का फिटनेस मंत्र
मन कौर ने अपने जीवन के पिछले 30 से अधिक वर्षों से कोई तली-भुनी चीज नहीं खाई.जंक फूड से दूरी और नियमित सैर ने उन्हें इस उम्र में भी एक्टिव रखा. वह रोज सुबह और शाम सैर व योग करती थीं.कई बार वह खुद से खाना भी बनाती थीं.
मान कौर की दिनचर्या बहुत अनुशासित रहीं। वह हर दिन सुबह 5 बजे उठती थीं. अपने बेटे के साथ नियमित दौड़ का अभ्यास करती थीं. वह भोजन में पूरी तरह से हेल्दी डाइट लेती थीं.उनके आहार में घर का बना खाना, ड्राई फ्रूट्स, गेहूं का जूस आदि शामिल था.
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