Uttarakhand: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई है. रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में पहाड़ी का एक हिस्सा दरक गया, जिससे भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आ गिरीं. इस कारण गौरीकुंड-रामबाड़ा पैदल मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है, ताकि स्थिति सामान्य होने पर ही यात्रा फिर से शुरू की जा सके.
रुद्रप्रयाग पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट साझा की है. पुलिस द्वारा यात्रियों से अपील की गई है कि वे परेशान न हों, धैर्य बनाकर रखें और प्रशासन द्वारा दिए जा रहे आदेशों का पालन करें. राहत कार्य और मार्ग को पुनः खोलने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है.
पहाड़ी से गिरे पत्थरों ने रास्ता रोका: भारी वर्षा के कारण पहाड़ी दरकने से पैदल मार्ग पर भारी मलबा और चट्टानें आ गईं, जिससे यात्रियों को गौरीकुंड में ही रोक दिया गया है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ घंटों में इस क्षेत्र में भारी वर्षा होने की संभावना है, जिससे स्थिति और भी खराब हो सकती है. फिलहाल, प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए आगे बढ़ने पर रोक लगा दी है और स्थिति सामान्य होने पर ही यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.
हाल ही में गौरीकुंड-रामबाड़ा मार्ग पर हुए एक अन्य भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गई थी और कई श्रद्धालु घायल हुए थे. लगातार वर्षा के कारण यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील बन चुका है, जहां ज़रा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है.
प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे केदारनाथ यात्रा पर रवाना होने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें और स्थानीय प्रशासन या चारधाम कंट्रोल रूम से संपर्क कर मार्ग की स्थिति की पुष्टि करें. हालांकि, प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहा है और जल्द ही मार्ग को सुचारु करने की कोशिश जारी है. तब तक सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने और मौसम में सुधार का इंतजार करने की सलाह दी गई है.
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