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Jalandhar Engineer in Borewell Updates: बोरवेल में गिरा इंजीनियर जिंदगी की जंग हार गया

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Jalandhar Engineer in Borewell news: दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के काम के दौरान करतारपुर के बसरामपुर गांव में 80 फीट गहरे बोरवेल में दबे मैकेनिक सुरेश का शव 45 घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम ने बरामद कर लिया है. सुरेश के शरीर से परखच्चे उड़ गए. एनएचएआई और एनडीआरएफ की टीम ने उसे निकालकर सिविल अस्पताल जालंधर में शिफ्ट कर दिया है.

सुरेश हरियाणा के जिंद के रहने वाले हैं.बचाव कार्य में सबसे बड़ी दिक्कत बगल में बने तालाब से आई. एनडीआरएफ की टीमों ने 50 फीट तक खुदाई की, लेकिन खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने और बार-बार खिसकने के कारण बाद की मिट्टी रेतीली हो गई. जिसके चलते टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और काफी समय लग गया. मौके पर 5 जेसीबी मशीनें लगातार मिट्टी हटा रही थीं. यहां 120 मिट्टी के टिपर उतारे गए हैं.

गौरतलब है कि कल जालंधर में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर के लिए बनाए जा रहे 80 फीट गहरे बोरवेल में 21 घंटे से फंसे इंजीनियर को निकालने की जद्दोजहद जारी थी. रविवार शाम तक एनडीआरएफ की टीमें 'ऑपरेशन जिंदगी' के तहत इंजीनियर सुरेश कुमार को बचाने में जुटी थीं.

दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान करतारपुर-कपूरथला मार्ग पर गांव बसरामपुर में पुल के लिए बोरिंग करते समय फासी कंस्ट्रक्शन कंपनी की बोरिंग मशीन को हटाने के लिए दिल्ली से दो तकनीकी विशेषज्ञ पवन और सुरेश को बुलाया गया था. इस काम को करने वाली कंपनी के पास 25 साल का अनुभव था और तकनीकी कर्मचारी पूरे बचाव उपकरणों से लैस होकर बोरवेल पर गए और बोर की सफाई करते समय अचानक हुए हादसे में कर्मचारी सुरेश करीब 20 मीटर नीचे फंस गया.

सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की एक टीम को तैनात किया. इसके अलावा मिट्टी निकालने के लिए भारी मशीनरी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक एम्बुलेंस और एक मेडिकल टीम भी तैनात की गई है. अतिरिक्त उपायुक्त (शहरी विकास) जालंधर जसबीर सिंह पूरे बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं. सिविल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं.

इतना जरूर है कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि सुरेश मशीन ठीक करने के लिए बोरवेल में उतरा था. वह अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी ले गया था, जब वह ऊपर आने लगा तो धूल उसके ऊपर गिर गई. इसके बाद मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने बचाव कार्य शुरू किया.

इसके बाद एक बार फिर बोरवेल में 40 फीट से ज्यादा मिट्टी गिर गई. बताया जा रहा है कि बोरिंग मशीन में कुछ खराबी थी, जिसे ठीक करने के लिए गया था. इसी दौरान सेफ्टी बेल्ट नहीं पहनने के कारण वह वहीं फंस गया. इंजीनियर कल रात साढ़े आठ से नौ बजे के बीच वहां फंसा रहा. घटना के तुरंत बाद देर रात एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं.

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