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बारिश के मौसम में फैल रहे आई फ्लू से बचने के उपाय

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Conjunctivitis: कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) मानसून में होने वाली बीमारी रही है. भारत में आमतौर पर बारिश के मौसम में आई फ्लू के मामले बढ़ने लगते हैं.हाल ही में देशभर के कई राज्यों में कंजक्टिवाइटिस के केस सामने आ रहे हैं और लोग इससे काफी परेशान हैं. दिल्ली एनसीआर की बात करें तो वहां भी कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने लगे हैं और दिल्ली एम्स में रोजाना 100 से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. कंजक्टिवाइटिस क्या है, कैसे पनपता है और इससे बचाव के  क्या तरीके हैं. इस बारे में भी जान लीजिए. 

कंजक्टिवाइटिस कैसे फैलता है 
कंजक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक होता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. बीमारी ज़्यादातर तब फैलती जब संक्रमित व्यक्ति बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते है.किसी व्यक्त‍ि को यदि कंजक्ट‍िवाइटिस बीमारी हो गई है तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, मोबाइल आदि छूने  से बचें.

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण 
डॉक्टर्स का कहना है कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण नजर आते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए .इसके सामान्य लक्षणों में आंखें लाल होना, खुजली, आंसू आना शामिल हैं. आंखों के आसपास डिस्चार्ज या पपड़ी भी हो सकती है. अगर डॉक्टर को लगता है कि यह कंजक्टिवाइटिस ही है तो वह डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप लिख सकते हैं. 

कंजक्टिवाइटिस होने पर क्या करें 
अक्सर आंखों की सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. हालांकि, मानसून के दौरान आंखों की सेहत को सही रखने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाना जरूरी है. डॉक्टर् का कहना है कि पहला कदम यह है कि अपनी आंखों को लगातार छूने से बचें, खासकर अगर आपके हाथ ठीक से नहीं धोए हो.
कंजक्टिवाइटिस वायरल आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन इस दौरान आंखों को साफ रखना चाहिए और जरूरी है कि कॉन्टैक्ट लेंस न पहनें. संक्रमण फैलने से बचने के लिए घर के अन्य सभी सदस्यों को नियमित रूप से अपने हाथ धोने चाहिए और संक्रमित व्यक्ति को भी ऐसा ही करना चाहिए. 
अगर आपकी आंखें सूखी लग रही हैं तो लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें. घर में जलजमाव वाले क्षेत्र या पोखर बैक्टीरिया का स्थान हो सकते हैं और यदि बच्चे उनमें खेल रहे हैं तो बाद में उनकी आंखों को एंटी-बैक्टीरियल वाइप्स से साफ करना महत्वपूर्ण है नहीं तो आंखें बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकती हैं 

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